पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी (सीहोरे वाले) द्वारा श्री शिव महापुराण की कथा में बताये कुछ अचूक उपाय लिखित रूप में
शिव महापुराण में बताए भस्म के अद्भुत उपाए
1. जिस व्यक्ति को चर्म रोग हो जाता है, चमड़ी सफेद पड़ जाती है या दाद खाज हो जाता है तो गोबर के कण्डे को जला कर भस्म तयार करे। (कण्डे से तयार भस्म को अग्र भस्म कहा जाता है)। भस्म को शिवरात्रि के दिन शंकर जी के शिवलिंग पे चढाये। अब इस भस्म को उतार के घर ले आइए और जिस व्यक्ति को चर्म रोग है वो रात को पानी की बाल्टी में भस्म डाल कर स्नान करता है अगर तो 3 से 4 दिन के अंदर चर्म रोग समाप्त होने लगता है।
2. शिव महापुराण की कथा कहती है कि किसी यज्ञ में पूर्ण आहूति में जो गोला समर्पित किया जाता है, और यज्ञ की अग्नि जब ठंडी हो जाती है तो गोले की भस्म को जो व्यक्ति शंकर जी पे हर दिन थोड़ी थोड़ी समर्पित करता है और उसी भस्म का तिलक लगाता है (या मस्तक पर त्रिकुंड लगाता है) और अपने किसी भी विशेष काम के लिए जाने से वो काम कभी नहीं अटकता है। बच्चे परीक्षा या नौकरी में भी जाने से पहले कर के देखे, वो कभी फेल हो ही नहीं सकते।