पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी (सीहोरे वाले) द्वारा श्री शिव महापुराण की कथा में बताये कुछ अचूक उपाय लिखित रूप में
शिव महापुराण में बताए बेल के अनेक उपाए
1. आपका कोई बहुत जरूरी काम अगर पूरा हो ही नहीं रहा हो जैसे कोई परीक्षा नहीं निकल रहा हो या साक्षात्कार नहीं निकल रहा या आपका कोई बहुत विशेष काम है जो अटका हुआ है तो एक जल के कलश में लाल चंदन मिला के शंकर जी को चढ़ा दीजिये। अगर लाल चंदन ना मिले तो बेल पत्री के पेड़ की जड़ को घीस कर उसका चंदन बनाए और उस चंदन को जल में मिला के शिवलिंग पे चढ़ा दीजिये । आगर पेड़ की जड़ भी ना मिले तो बेल पत्री की डंडी को सुखाकर उसे घीस कर चंदन बनाए और वो जल में मिला के चढाये। जब शिव शक्ति का मिलन होगा तो आपका काम भी शिव शक्ति पुरा कर ही देंगे।
2. जो व्यक्ति हकलाता हो या बोलते बोलते अटक जाता हो तो एक बेल का फल लीजिये और उसे धीरे से फोड लीजिये। तोडने के बाद अंदर का गूदा अच्छी तरह से निकल लीजिये और फल के कटोरी को अच्छी तरह साफ कर लीजिये। 5 सोमवार उस बेल के फल के कटोरी में पानी भर कर भगवान शंकर को चढाये और शिवलिंग के नीचे एक पात्र लगा लीजिये जहां से पानी बहता है ताकी जो जल आप समर्पित कर रहे वो पात्र में गिरे। पात्र में जो जल एकत्रित किया है उस जल को घर ले आइए। जो व्यक्ति हकलता है उसे श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र को धीरे धीरे बुलवाते हुए ये जल पिलाना प्रारंभ कर दीजिये (मंत्र बुलवाते जाए और पानी पिलाते जाए)। सिरफ सोमवर के दिन ही ये उपाए करना है और सोमवार के दिन ही पानी पिलाना है। बाकी किसी और दिन ये पानी नहीं पिलाना है। 5 सोमवार ये उपाए करने पर वाणी का अटकना बंद हो जाएगा।
3. वैशाख महिने में जो शंकर जी को एक बेल का फल समर्पित करता है उसको 1000 अश्वमेध यज्ञ का पुण्य फल प्राप्त हो जाता है।