3 तरह के जल शिवलिंग पर समर्पित करने का महत्व

pradeep mishra ji

नमः शिवाय:

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं

पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी (सीहोरे वाले) द्वारा श्री शिव महापुराण की कथा में बताये कुछ अचूक उपाय लिखित रूप में

3 तरह के जल शिवलिंग पर समर्पित करने का महत्व

आज हम बात करेंगे 3 विशेष तरह के जल की जिसे शिवलिंग पर समर्पित करने से हमें मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

1. तीर्थ का जल – कार्य में सफलता के लिए।

  • कोई बहुत विशेष काम हो जो पूरा नहीं हो रहा हो और उसके पीछे बहुत प्रयास भी कर लिया गया हो तो ऐसे में भगवान भोलेनाथ के किसी भी मंदिर में कोई से भी तीर्थ का जल समर्पित करना चाहिए। जल समर्पित करते वक्त आपका मुख उत्तर की तरफ होना चाहिए।
  • बाबा आपके कार्य को सिद्ध करने में लग जाएंगे। तीर्थ के जल से बल प्रताप होता है। 

2. अरहर की दाल की पत्ती का जल – रोग मुक्ति के लिए

  • मान लीजिए कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा रोग से ग्रसित हो जैसे किसी को कैंसर, किडनी में दिक्कत या लीवर खराब हो जाने की समस्या हो तो ऐसी स्थिति में भगवान शंकर को अरहर की दाल की पत्ती का जल समर्पित करना चाहिए।
  • कुछ दिन इस जल को समर्पित करके देखें। कितना ही भारी रोग क्यों ना हो, कैंसर भी ठीक होने लगेगा, किडनी डायलिसिस भी बंद हो जाएगी और लीवर खराब होने की दिक्कत से भी मुक्ति मिल जाती है इस जल के अभिषेक से। 

3. किसी देवालय का जल – संबंध निर्माण के लिए

  • किसी भी शिवालय या देवालय या मंदिर जिसमें आप दर्शन के लिए जा रहे हैं, उस मंदिर या देवालय के पास अगर कोई कुंआ, बावड़ी, हैंडपंप हो तो उसका पानी भी शिवलिंग पर चढ़ाने से कार्य में सिद्धता आती है।
  • इस जल की विशेषता रिश्ता बनाने में ज्यादा होती है।
  • अगर आप विवाह से संबंधित कार्य के लिए इस जल को समर्पित करते हैं तो जहां आप चाहते हैं रिश्ता हो वहां बाबा रिश्ता लगा ही देते हैं।
  • जल चढ़ाने के लिए आधा जल शिवलिंग पर चढ़ाना है और आधा बेल पत्र के पेड़ के नीचे।
  • बाबा से विंति करे। आपका काम सफल होगा।

हर हर महादेव

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