नमः शिवाय:
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं
पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी (सीहोरे वाले) द्वारा श्री शिव महापुराण की कथा में बताये कुछ अचूक उपाय लिखित रूप में
II 09 अक्टूबर 2022 : शरद पूर्णिमा के 9 विशेष उपाय II
शरद पूर्णिमा के उपाय
- दमे की बिमारी, श्वास की बिमारी या अनिद्रा की बिमारी ठीक करने के लिए – शरद पूर्णिमा की रात्री को 12 बजे पीपल के 5 पत्ते पर खीर रखकर खाने से दमे या श्वास की बीमार रुक जाती है।
- नेत्र ज्योति बढ़ाने के लिए – जिस व्यक्ति की नेत्र ज्योति कमज़ोर होती है उसे शरद पूर्णिमा की रात्री को 12 बजे चंद्र का दर्शन करना चाहिए। 5 से 7 मिनट तक चन्द्रमा के तरफ देखें। इसके बाद चंद्रमा की रोशनी में रखी हुई खीर को थोड़ा सा लेकर पीपल के पत्ते पर रख ले और उसका थोड़ा सा भाग चाटकर फिर चंद्र का दर्शन करें। पुनः पीपल के पत्ते पर रखी खीर खाए फिर दर्शन करे। इसी प्रकार पत्ते पर रखी सब खीर का सेवन धीरे धीरे कर ले और दर्शन करते जाए। इस उपाय से नयन की ज्योति भी बढ़ती है और अगर रात को नींद नहीं आती तो वो समस्या भी दूर हो जाती है।
- गांठ, दाग, दाद खुजली – शरद पूर्णिमा की रात 12 बजे चंद्रदेव के लिए 21 दिए जलाए और दिए की गालोच/काजल एक थाली में इकट्ठी कर ले। गाय के घी में काजल को मिला कर जहां गठान, दाग, खुलजी या चमड़ी का रंग काला या सफेद हो, वहाँ लगा ले। कम से कम एक सप्ताह रोज लगाये। लगाने के आधे घंटे बाद स्नान कर ले। आराम लगना शुरू हो जाता है।
- शरद पूर्णिमा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक रोज़ाना भगवान कृष्ण/ भगवान विष्णु/ भगवान शिव का पूजन अभिषेक करने से सारे दुख दरिद्र दूर हो जाते हैं।
- लक्ष्मी नहीं आ रही, व्यापार नहीं चल रहा, कर्जा है, तकलीफ है – तो एक तांबे के कलश में जल भर ले। उसके ऊपर एक कटोरी रखे। कटोरी के ऊपर लक्ष्मी माता की मूर्ति रख ले। मूर्ति ना हो तो एक चांदी का सिक्का रख ले। अब कलश के सामने मिट्टी के 31 दिए में घी का दीपक लगाए लम्बी बाती का। हर एक दिए के अंदर एक कमल गट्टा डाल ले। इसके बाद अक्षत, रोली, हल्दी, कुमकुम, फूल आदि से लक्ष्मी जी की पूजा करे। 5 पान के पत्ते पर खीर रखकर भोग लगाए। माता लक्ष्मी से विंति करे। सुबह 4 बजे तक खीर वही रहने देना है। उसके बाद खीर उठा लेना। लक्ष्मी जी को वापस जहां रखते हैं वहां रख दिजिये। खीर को बाद में कभी भी प्रसाद के रूप में सबके साथ खालेना है। दिए ठंडे होने के बाद विसर्जन भी कर सकते हैं या बाद के इस्तेमाल के लिए रख सकते हैं। इस उपाय से सुख, समृद्धि, कार्य की सिद्धि भी होती है।
- मनोकामना पूर्ति के लिए – शरद पूर्णिमा के दिन शाम को प्रदोष काल के समय एक लोटा जल में 5 बेल पत्र, एक कमल गट्टा डालकर, चंद्रेश्वर महादेव के नाम से भगवान शंकर को चढ़ा दिजिये। जो भी मनोकामना से आप ये जल चढ़ाएगे उसका फल बाबा आपको कार्तिक पूर्णिमा आने तक जरूर दे देंगे।
- शरद पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा की रात को अगर गर्भवती महिलाएं अपनी नाभि पर चंद्र की रोशनी पड़वा लेती है तो बच्चा विकलांग नहीं होता है। बच्चा स्वस्थ होगा, विद्वान होगा, पढ़ने में चतुर होगा।
- किसी परीक्षा में बार बार फेल हो रहे हैं या कोई जरूरी कार्य है जो हो नहीं रहा तो शरद पूर्णिमा के रात को 7 अक्षत के दाने लेकर केसर के इत्र में भीगा ले। केसर का इत्र ना हो तो कोई भी इत्र का प्रयोग कर ले। सातो दाने चावल के और एक सफेद फूल लेकर शिव मंदिर जाए और अपनी कामना करके शिवलिंग पर चढ़ादे। मंदिर नहीं खुला हो तो बेल पत्री के पेड़ के नीचे खड़े होकर चंद्रमा को देखते हुए पेड़ में समर्पित कर दे अपनी कामना करके। अगली पूर्णिमा आने तक बाबा आपका कार्य सफल जरूर कर देंगे।
- धन संपदा की समस्या दूर करने के लिए – शरद पूर्णिमा के दिन शंकर भगवान के शिवलिंग पर एक सफेद फूल चढ़ाकर एक लोटा जल चढ़ाने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
हर हर महादेव