पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी (सीहोरे वाले) द्वारा श्री शिव महापुराण की कथा में बताये कुछ अचूक उपाय लिखित रूप में
फुलेरा दूज और धतूरे का विशेष उपाय
मनोकामना पूर्ण करने के लिए
फुलेरा दूज के दिन एक धतूरा हल्दी में भीगो कर शंकर जी के शिवलिंग पर अपने मन की अभिलाषा कर के समर्पित करने से बाबा आपकी मनोकामना शीग्रता में पूरी कर देते हैं
शादी के लिए
जिन बच्चों का विवाह नहीं हो रहा वो फुलेरा दूज वाले दिन 5 बेल पत्र, 5 शमी पत्र और एक धतूरा अपने हथेली पे रख ले। अपने मन की कामना कर के इसको अशोक सुंदरी वाले स्थान पे समर्पित कर दे। मन की अभिलाषा बाबा 3 महीने में पूरी कर देते हैं।
व्यापार के लिए
- अगर महाशिवरात्रि की रात में 12 बजे शिवलिंग के ऊपर चढी हुए धतूरे को आप किसी कारनवश सुबह 4 बजे के पहले अपने व्यापार वाली जगह नहीं बांध पाए हो तो उस धतूरे को फुलेरा दूज वाले दिन अपने व्यापार दुकान वाले स्थान पे बांध देने से जीवन में कभी व्यापार नीचे नहीं जाएगा। ऊपर बढ़ता ही चला जाएगा।
- इस उपाय के लिए आपको चाहिए-
अमर बेल के 7 टुकड़े, 7 कमल गट्टे, गाय का दूध, 7 बेल पत्री, 7 शमी पत्र।
बेल पत्र के पेड़ के नीचे शंकर भगवान के शिवलिंग का निर्माण करना है।एक घी का दिया लगा दे शिवलिंग के सामने। विधि विधान से पूजा अर्चना कर दे और सब समग्री भी समर्पित कर दिजिये। जब तक दिया ठंडा न हो जाए तब तक वही बैठिए। दिया में उतना ही घी डालिये जितनी डेर आप पूजन कर ले।जब दिया ठंडा हो जाए तो कमल गट्टे और अमर बेल के टुकड़े उठा लिजिये।शिवलिंग का विसर्जन जल में कर दिजिये। इसके बाद कमल गट्टे और अमर बेल को घर ले आए। उसे लाल कपड़े में बांध कर, कुबेर भंडारी महादेव, या कुबेरेश्वर महादेव का नाम स्मरण करके अपने व्यापार वाली जगह में कहीं भी रख दे। 2 से 2.5 महीने में बाबा कुबेर भंडारी आपका भंडार भरना चालू कर ही देंगे। एक बात का विशेष ध्यान रखियेगा की पहले शिवलिंग का विसर्जन करना है उसके बाद ही कमल गट्टे और अमरबेल को घर लाना है।
कर्ज मुक्ति के लिए
बेल पत्री के पेड़ के नीच मिट्टी का शिवलिंग बनाऐ। एक धतूरे को हल्दी में भीगो कर उस शिवलिंग पे समर्पित कर दे अपनी कामना कर के। इसी हल्दी की एक बिंदी अपने साथ में रुमाल में लगा के ले आए और अपने व्यापार वाली जगह पे ले कर जाना प्रारम्भ कर दे। कर्ज धीरे-धीरे उतर जाएगा। लक्ष्मी की वृद्धि होना प्रारंभ हो जाएगी।
अस्थमा या मिरगी के लिए
फुलेरा दूज के दिन धतूरे की जड़ ले आए। थोड़ी सी जड़ को अच्छे से धो कर घीस ले और शंकर जी के शिवलिंग पे इसे लेपन कर दिजिये। थोड़ी सी जड़ (बिना घीसा हुआ) को शिवलिंग के ऊपर चढा दिजिये। एक लोटा पानी चढा दिजिये। अब इस जड़ को लेकर घर आ जाए। जिस व्यक्ति को अस्थमा है या मिरगी की बीमारी है उसे फुलेरा दूज के दिन ये धतूरे की जड़ दोपहर के समय 3 से 4 बार सूँघा दिजिये। दोनो ही रोग से मुक्ति मिलना शुरू हो जाएगा।
रोग मुक्ति के लिए
एक धतूरा शंकर भगवान के शिवलिंग पे समर्पित करे और 5 बेल पत्री नंदी भगवान को समर्पित करे। बाबा से अपने स्वास्थ्य के लिए निवेदन करे। कितना भी बड़ा रोग हो, वो आगे नहीं बढ़ पाएगा।
या
एक कलश में जल भर ले, उसमे थोड़ा सा दूध और शहद डाल ले। इस कलश के जल को तीन जगह समर्पित करना है। सबसे पहले थोड़ा सा जल शिवलिंग पे समर्पित करे, फिर थोड़ा सा जल नंदी पे समर्पित और अंतिम मे बेल पत्री के पेड़ के नीचे जल को हाथ में ले ले कर सीचन करे। बेल पत्र के पेड़ के नीचे सीधे कलश से जल नहीं डालना है। शंकर जी का स्मरण कर के जल समर्पित करे।धीरे धीरे रोग से मुक्ति हो जाती है।
दाद, खाज,खुजली के लिए
एक लोटे में जल ले, उसमे एक धतूरा और थोड़ा सा चंदन डाल ले। वो जल शिव जी को समर्पित कर दिजिये। इस जल को एक पात्र मे इकट्ठा कर के घर ले आए। कुछ समय (15 से 20 मिनट) उस पानी को अपने शरीर पे लगा के बैठ जाए। जहां जहां जल लगा है वहां कोई वस्त्र नहीं होना चाहिए। वस्त्र हटा के जल लगाना है। 2 से 3 महीने में कैसा भी त्वचा रोग होगा, वो समाप्त हो जाएगा।
4beje se pahle nahi Banda Mila to mene 5.44 ko Banda ta to ab kiya karu
4 baje se pahle nahi badne mila to ab kiya karu 5.44 ko band
hi to
4 baje se pehle mahashivratri wale din baandhna tha.
Fulera dooj wale din aap kisi bhi samay baandh sakte hai..