नमः शिवाय:
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं
II एक दिन वो भोले भंडारी बनकर सुंदर नारी, बिरज में आ गये है II
एक दिन वो भोले भंडारी बनकर सुंदर नारी, बिरज में आ गये है
बिरज में आ गये है,
पारवती भी मना के हारी, ना माने त्रिपुरारी,
बिरज में आ गये है,
बिरज में आ गये है,
पारवती से बोले, मैं भी चलूँगा तेरे साथ में,
तेरे साथ में,
राधा संग श्याम नाचे, मैं भी नाचूँगा तेरे साथ में,
तेरे साथ में,
ब्रिज में रास रचा है भारी, हमको दिखा दो प्यारी,
बिरज में आ गये है,
एक दिन वो भोले भंडारी बनकर सुंदर नारी, बिरज में आ गये है
बिरज में आ गये है
कान्हा के सिवा कोई पुरुष ना जाये उस रास में,
उस रास में,
ऐसा बताना मुझे, मेरी सहेली मेरे साथ में,
मेरे साथ में,
बांध के जुड़ा पहन के साड़ी,चाल चले मत वाली,
बिरज में आ गये है,
बिरज में आ गये है,
एक दिन वो भोले भंडारी बनकर सुंदर नारी, बिरज में आ गये है
बिरज में आ गये है