नमः शिवाय:
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं
पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी (सीहोरे वाले) द्वारा श्री शिव महापुराण की कथा में बताये कुछ अचूक उपाय लिखित रूप में
शिवमहापुराण में बताए हनुमान जी के विशेष उपाय
1. कार्य सिद्धि के लिए आक के पत्ते की माला
किसी भी कार्य की सिद्धि के लिए, बरजरंगबली को आक (मंदार’,’अर्क’, अकौआ) के पत्तो की माला समर्पित करना चाहिए। 108 आक के पत्तो को ले आए। 107 पत्तो पर सिंदूर से सीताराम लिखे। एक पत्ती पर कुछ न लिखे, और यह पत्ता को माला में पिरोने से पहले अपने दाहिने हाथ की हथेली पर रख कर बाएं हाथ से कवर करके अपने मन की कामना बोले और फिर माला में कहीं पर भी बांध दे।इसके बाद हनुमान जी के मंदिर जा कर इस माला को चढ़ा दे अपनी कामना करके। साथ ही एक घी और एक तेल का दिया लंबी बाती का जलाए भगवान के सामने।यह उपाय को किसी भी दिन किया जा सकता है।आपकी मनोकामना हनुमानजी जी 3 महीने के अंदर पूरी कर देंगे।
2. रोग से मुक्ति के लिए पीपल के पत्ते की माला
108 पीपल के पत्ते की माला बनाए। हर एक पत्ते पर हनुमान चालीसा का स्मरण करना है। यानि हनुमान चालीसा पढ़ते जाए और माला में गांठ लगाते जाए। यदि किसी व्यक्ति को कैंसर हो या कोई और भारी रोग हो तो इस माला को उसे स्पर्श करवा कर हनुमान जी महाराज को चढ़ा दे। लेकिन इस उपाय को केवल शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन ही करना है।2 या 3 अष्टमी कर के देखे, रोग अपने आप समाप्त होने लगेगा।
3. पढाई, नौकरी, परीक्षा के लिए बेल पत्र की माला
जो व्यक्ति परीक्षा में बैठने वाला हो या किसी नौकरी के लिए अप्लाई कर रहा हो उसे अपने कार्य में सफलता के लिए प्रदोष वाले दिन 108 बेल पत्र की माला बनाना है।माला बनाते वक्त श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का स्मरण करते जाए और माला में गांठ लगाते जाए। फ़िर पूर्वमुखी हनुमान जी के मंदिर जाए। माला को हनुमान जी के सामने पकड़ कर हनुमान चालीसा का 3 पाठ करे और फिर माला हनुमान जी को पहना दे।आपको आपके कार्य में सफलता निश्चित रूप से मिलेगी।
पंडित जी मेरी बेटी को बहुत ही एलर्जी है 2020मे अचानक पहली बार हुई थी फिर दवाई ली मंदिर में पूजा अर्चना भी करी तब जाकर 11महीने दवाई ली ठीक हो गई पुरे 1साल तक कुछ नहीं हुआ एकदम सही रही और अब वापस हो गयी है कोई उपाय बताएं उसके एलर्जी में पुरे शरीर में खुजली और शरीर में कहीं भी सुजन होनी शुरू हो जाती है
बड़ी से बड़ी बिमारी को जड़ से ठीक करने का उपाय
कोई बहुत बड़ी बिमारी हो गई है तो अश्विन अधिक मास के किसी भी दिन इस उपाय को जरूर कर के देखे।5 लौंग और 5 काली मिर्ची को अच्छे से कूट कर पीस ले। 5 माल पुए बनाए। अगर माल पुआ नहीं बना सकते तो कुछ भी मीठा बना ले जैसे बर्फी या जलेबी या जो आपको आसन लगे। इसके बाद 3 माल पुए एक के ऊपर एक रख ले और उसके ऊपर पिसा हुआ लौंग और काली मिर्च रख दे। फिर 2 माल पुए और ले और काली मिर्ची + लौंग के ऊपर रख दे। यानी मिला कर 5 माल पुए हो जाएंगे। बस याद रखना है की 3 माल पुए के बाद पिसी हुई लौंग और काली मिर्च और उसके ऊपर 2 माल पुए (या जो भी मीठा बनाया है आपने) उसे इसी मात्रा में रखना है। अब पांचो माल पुए को एक हाथ में रख ले और दूसरा हाथ पांचो माल पुए के ऊपर रख के महादेव से विंति करे अपना नाम और गोत्र बोल के। और उस बीमारी का स्मरण करे जिसे आप हमेशा के लिए समाप्त करना चाहते हैं। इसके बाद माल पुए को किसी नदी या तालाब या बहते जल में छोड दे जिससे की कोई मछली या जीव इसे खाले। इस उपाय को कर लेने से जो भी बिमारी है वो महादेव की कृपा से 4 से 6 महीने के अंदर समाप्त हो जाता है।
इसके साथ ही एक लोटा जल रोज़ाना बाबा को समर्पित करे और बाबा से निवेदन करके उस जल को अपने बच्ची को पिलाये भी और शरीर पर लगाये भी।