जिस बच्चे की नौकरी या सर्विस नहीं लग रही हो, या नौकरी छूट गई हो तो एक कलश में जल भर ले। थोड़े से काली तिल को अच्छे से पीस ले। अब इस पीसे हुए कालेतिल को जल के लोटे में डाल दे। कलश को अपने रसोई में जहा पितृ का स्थान होता है, यानी जहां पीने का पानी या मटका का फिल्टर (आरओ) रखते हैं वही एक रात के लिए रख दे। अगली सुबह नहा धो के कलश के जल को ले जा के पीपल या वट या बेल पत्री के पेड़ में से किसी भी एक पेड़ के नीचे अपने मन की कामना करते हुए समर्पित कर कर दे और वापस आ जाए।
बहुत कोशिश करने के बाद भी किसी नौकरी या परीक्षा में सफलता नहीं मिल पा रही हो तो थोड़े से कच्चे दूध में थोड़ी सी काली मिर्च को अच्छे से पीस कर डाल लीजिये। अब बेल पत्री का पेड़ जहां हो वहां जा कर थोड़ा सा दूध अपना नाम और गोत्र बोल के पेड़ में समर्पित कर दिजिये और जो बचा हुआ दूध है उसे शंकर जी के मंदिर ले जा कर शिवलिंग पे चढा दिजिये। साथ में एक लोटा जल भी ले जाइए और दूध चढाने के बाद शिवलिंग पे एक लोटा जल चढा के वापस आ जाइए। इसके बाद आप जिस भी परीक्षा या इंटरव्यू में जा रहे हो उसमें बाबा आपको सफलता प्रदान करेंगे ही करेंगे।
एक ताम्बे के कलश में 11 बेल पत्र और 11 सफेद फूल को डाल लिजिये। एक कटोरी में लाल चंदन ले ले। अब शिव मंदिर जाए। पहले शिवलिंग के पूरे जलाधारी पे लाल चंदन का लेप लगा दे। फिर जो जल ले गए हैं वह जल को आप शिवलिंग पे समर्पित कर दे। जल डालते वक्त कलश का मुह आपकी तरफ होना चाहिए। इसके बाद अपने हाथ को जलाधारी पे फेर के थोड़ा सा लाल चंदन उठा के घर ले आए। फिर किसी भी दीवार या दरवाजे या अलमारी या कोई भी स्थान अपने सुविधा के अनुसार देख के लाल चंदन वाले हाथ का छाप उस स्थान पे लगा दे। अगले दिन परीक्षा या साक्षात्कार या जो भी काम अटक रहा हो उसे करने के लिए जब घर से निकले तो वह लाल चंदन वाले छाप के स्थान को स्पर्श कर के जाए। आपका काम पूरा हो के ही रहेगा।
जिस का लोहे से जुड़ा व्यापार हो या कोई फैक्ट्री हो या कोई कारखाना हो जो नहीं चल रहा हो, बहुत समस्या बनी रहती हो, या करजे में जाते जा रहे हो तो हनुमान जी के उलटे पाओ का सिंदूर लाए। हनुमान जी के चौथे नंबर के भाई गतिमान हनुमान जी के नाम से जो फैक्ट्री नहीं चल रही हो या मशीन नहीं चल रही हो उसपे सिंदूर से एक स्वस्तिक और एक त्रिशूल बना के उसकी पूजा कर दीजिये गतिमान हनुमान जी के नाम से। वो फैक्ट्री या मशीन कभी दिक्कत नहीं देगी। बढ़ती चली जाएगी।