नमः शिवाय:
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं
II काशी नगरी से आए हैं मेरे भोलेनाथ II
सुन के भक्तों की पुकार;
हो के नंदी पे सवार;
काशी नगरी से आए हैं मेरे भोलेनाथ ।
1) भस्मी रमाये देवा; डमरू बजाए;
कैसा निराला भोले रूप बनाए ।
गले सर्पो की है माल;
हो के नंदी पे सवार;
काशी नगरी से आए हैं मेरे भोलेनाथ ।
सुन के भक्तों की पुकार…………..
2) देवो के देव इनकी महिमा महान है;
भोले भक्तो के बाबा भोले भगवान है;
करने भक्तो का उद्धार;
हो के नंदी पे सवार;
काशी नगरी से आए हैं मेरे भोलेनाथ।
सुन के भक्तों की पुकार….
3) मृगछाला पहने भोले; जटाओ में गंगा;
चम चम चमकता देखो माथे चंदा।
गौरी मैया का श्रृंगार;
हो के नंदी पे सवार;
काशी नगरी से आए हैं मेरे भोलेनाथ
सुन के भक्तों की पुकार….