3 से अधिक पत्ती वाले बेल पत्री से बरकत का उपाय

pradeep mishra ji

नमः शिवाय:

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं

पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी (सीहोरे वाले) द्वारा श्री शिव महापुराण की कथा में बताये कुछ अचूक उपाय लिखित रूप में

3 से अधिक पत्ती वाले बेल पत्री से बरकत का उपाय

  • यदि कभी 3 पत्ती वाले बेल के वृक्ष में 3 से अधिक पत्ती वाली कोई बेल की पत्ती मिल जाए तो बहुत भाग्य की बात होती है।आज हम जानेगे की 4 से लेकर 8 पत्ती वाले बेल की पत्ती को यदि 3 पत्ती वाले बेल वृक्ष से प्राप्त किया जाए तो उसे कैसे उपयोग करना चाहिए की घर में लक्ष्मी की बरकत हो।
  • लेकिन इस उपाय को करने से पहले इस बात का विशेष ध्यान रखना है जो बेल की पत्ती है वो 3 पत्ती वाले बेल वृक्ष से ही प्राप्त हुए हो।

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  1. अगर 4 पत्ती वाली बेल पत्र प्राप्त होती है तो ऐसी पत्ती को ले जाकर भगवान शंकर के शिवलिंग पर समर्पित करना चाहिए और उस पर 4 लोटा जल चढाना चाहिए। इसके बाद बेल पत्ती को उठाकर माता अशोक सुंदरी को समर्पित करना चाहिए, और एक आचमन जल चढाना चाहिए। अब वहां से भी पत्ती को उठाकर नंदी के पैर के पास रखकर एक मूंग का दाना समर्पित करना चाहिए। बाबा से आशीर्वाद लेकर बेल की पत्ती को उठाकर घर ले आए और बरकत के रूप में पत्ती को संभाल कर रख देना चाहिए तो लक्ष्मी कभी कम नहीं हो सकती, बढ़ती ही चली जाएगी।
  2. अगर 5 पत्ती वाली बेल की पत्ती प्राप्त हो तो पहले जलाधारी का स्पर्श किया जाता है फिर शिवलिंग पर चढाया जाता है और एक लोटा जल समर्पित कर दिया जाता है। फिर जब पत्ती को उठाकर घर ले आए तो दरवाजे पर खड़े हो कर भगवान शंकर के गण भृंगी और श्रृंगी का स्मरण करिये और फिर पत्ती को बरकत के रूप में रख लिजिये।
  3. अगर 6 पत्ती वाली बेल की पत्ती प्राप्त हो तो पहले नंदी पर समर्पित किया जाता है उसके बाद शिवलिंग पर चढाकर एक लोटा जल और एक चावल का दाना समर्पित किया जाता है। और घर लाकर बरकत के रूप में रखा जाता है।
  4. 7 पत्ती के बेल पत्र को पहले बेल पत्र के पेड़ के नीचे पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करके उसके ऊपर समर्पित किया जाता है। फिर वहां से उठा कर शंकर भगवान के शिवलिंग पर ले जाकर चढाया जाता है और बरकत के रूप में रखा जाता है।
  5. 8 पत्ती का बेल पत्र प्राप्त हो तो पहले ऊपर जो जलाधारी होती है उसपे स्पर्श कराया जाता है, इसके बाद कटिभाग, यानी माता पार्वती का जो हस्तकमल होता है शिवलिंग पर उसका स्पर्श किया जाता है और उसके बाद शिवलिंग पर चढाकर एक लोटा जल चढाया जाता है और चंदन लगाया जाता है। फिर घर लेआकर बरकत के रूप में रखा जाता है।

हर हर महादेव

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