पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी (सीहोरे वाले) द्वारा श्री शिव महापुराण की कथा में बताये कुछ अचूक उपाय लिखित रूप में
हनुमान जी की नौ निधियो से करे जीवन की परेशानियों का अंत।
आइए जानें क्या है हनुमान जी की नौ निधियां।
- पद्म निधि
- महापद्म निधि
- नील निधि
- मुकुंद निधि
- नन्द निधि
- मकर निधि
- कच्छप निधि
- शंख निधि
- खर्व निधि
मकर निधि– इस निधि का स्मरण कर के हनुमान जी को किसी भी मंदिर में चूरमा का भोग तुलसी डाल कर लगाने से घर में कभी अन्नपूर्णा की कमी नहीं होती है।
नंद निधि– कोई व्यक्ति अगर बहुत बीमार पड़ा रहता हो, बहुत तकलीफ भोग रहा हो और कष्ट बहुत हो शरीर में, रोग मिट ही नहीं रहा हो तो प्रदोष के दिन बीमार व्यक्ति के हाथ से बेल पत्र में गाँठ लगा कर 41 बेल पत्र नंद निधि का स्मरण कर के हनुमान जी के गले में समर्पित करवा दे। 2 या 3 प्रदोष इस उपाय को करने से व्यक्ति का रोग धीरे-धीरे मिट जाता है।
खर्व निधि – अगर किसी का परिवार टूट रहा हो तो समझ लेना की उस घर में खर्व निधि की कमी है। इस निधि को जोड़ने के लिए महीने में एक बार कच्चे सूत की 108 बाती बना कर खर्व निधि के भाव से श्री हनुमान जी के मंदिर में दिया लगा दीजिये। अगर घर में बहू-बेटे में लड़ाइ है, सास-बहू में लडाई है, भाई-भाई, बाप-बेटे में लड़ाइ है या तलाक की भी नौबत आ गई है तो वे रिश्ते फिर से जुडने लग जाते हैं।