पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी (सीहोरे वाले) द्वारा श्री शिव महापुराण की कथा में बताये कुछ अचूक उपाय लिखित रूप में
शिव महापुराण के कार्य सिद्धि के लिए शिवरात्रि के कुछ उपाय
- हर माह शिवरात्रि आती है। किसी भी शिवरात्रि पर काली मिर्च का एक दाना और काले तिल के सात दाने अपने हथेली पर रख के अपने मन की कामना बोल के शिवलिंग पर समर्पित कर दे । अगले शिवरात्रि तक बाबा कामना पूरी कर ही देंगे।
- जिसके घर में बहुत कलेश होता हो, सास बहू में या मां बेटे में या भाई भाई में तो किसी भी महीने की शिवरात्रि पर गेहु की 7 बाली को तोड़ लिजिये और अपने घर में हर जग घुमा लिजिये। फिर शिव मंदिर जा कर, अपने घर का नाम और गोत्र बोल कर, उन गेहु की 7 बाली को शिवलिंग पर चढा दिजिये। शिव महापुराण की कथा कहती है कि जिस घर का गोत्र बोला गया है उस घर में जिंदगी में कभी झगड़ा या कलेश की नौबत नहीं आएगी।
- अगर आपकी कोई दुकान नहीं चलती हो, खेत में फसल नहीं आ रही हो, घर में लक्ष्मी नहीं टिक रही हो या संपदा की कमी हो तो हर महीने शिवरात्रि आती है। किसी भी शिवरात्रि के दिन रात को 12 बजे शंकर जी पे एक धतूरा चढा दिजिये। आधे घंटे तक धतूरा चढा रहने दिजिये और तब तक आप मंदिर के बाहर बैठ के श्री शिवाय नमस्तुभ्यम का जाप करिए। 12:30 बजे उस धतूरे को उठा के ले आइये और लाल कपड़े में बांध के अपने दुकान में, घर के तिजोरी में या जो खेत में फसल नहीं हो रही उस खेत में गाड़ दिजिये। पर ये काम आपको सुबह 4 बजे के पहले कर लेना है। आपको जीवन में कभी तकलीफ नहीं भोगना पड़ेगा। लक्ष्मी बढ़ती चली जाएगी।
- जो व्यक्ति ज़्यादा बीमार रहता हो, तो किसी भी शिवरात्रि के दिन शंकर जी को बेर का फल चढाये। 7 बेर ले के अपने ऊपर से घुमा कर, शिवरात्रि के दिन दोपहर को 12 बजे ले जा कर शंकर जी के शिवलिंग पर अपने मन की कामना करते हुए चढा दिजिये। आपके सब रोग और बीमारी 3 महीने के अंदर ख़त्म हो जाएगी।
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