पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी (सीहोरे वाले) द्वारा श्री शिव महापुराण की कथा में बताये कुछ अचूक उपाय लिखित रूप में
शमी वृक्ष के नीचे 7 मिनट भी बैठने से क्या होता है
शिव महापुराण की कथा कहती है की उमा और महेश दोनो ने जब स्नान किया तो उनके स्नान का जल एक जगह एकग्रित हो गया।
उस एकग्रित जल से एक वृक्ष का जन्म हुआ जिसे शमी वृक्ष कहते हैं।
भगवान शंकर कहते हैं की शमी पत्र का वृक्ष उमा और महेश के जल से उत्पन्न हुआ है, इसलिए सूर्य का तेज, चंद्र की आभा और नौ ग्रह का सुख इस शमीवृक्ष के अंदर रहेगा।
जो भी व्यक्ति भूल से भी इस शमी वृक्ष के नीचे 7 मिनट भी बैठेगा, उसके सारे ग्रह अनुकुल हो जाएंगे और भगवान शंकर की उसपे हमेशा कृपा बनी रहेगी।