पित्रदोश निवारण हेतु उपाय- बागेश्वर धाम के उपाय

इन दिनो बागेश्वर धाम काफ़ी ही चर्चा का विषय बना हुआ है। आज हम आपको बताते है की यदि आपको अपने ऊपर से पित्रदोश हटाना है तो वो कैसे करे। महाराज धीरेंद्र कृष्णा शास्त्री जी जो की बागेश्वर धाम में अर्ज़ी लगवाते है, उनके बताए हुए यह उपाय आप कर सकते है।

कई बार पित्रदोश होता है परंतु हमें पता नहीं लगता। तो पहले हम देखते है की क्या होता है पित्रदोश और क्या होते इसके संकेत। उसके बाद हम देखेंगे की इसका निवारण कैसे करना है। 

क्या होता है पित्रदोश?

पित्रदोश का मतलब है की आपके पित्र/पूर्वज मर जाए, जैसे दादा, पर दादा, दादी, नाना, नानी, चाचा, ताऊ, या और कोई भी पूर्वज, और उनका विधिवत संस्कार ना हो, या फिर उसमें कोई त्रुटी हो जाए, तो वह पूर्वज प्रेत योनि में घूमते रहते है, और अपने वंश वालों को बार बार परेशान करते रहते है। कभी शादी ब्याह में रोक लगाएँगे, किसी सत्कर्म में रोक लगाएँगे, कही आपके घर में कोई मंगल कार्य होने वाला हो तो उसमें कुछ अमंगल हो जाएगा, आप आगे नहीं बढ़ पाएँगे। यह पित्रदोश के लक्षण है।

पित्रदोश के लक्षण 

अगर आपके ऊपर पित्रदोश है, तो आपके मंगल कार्यों में रुकावट आएगी। आप ज़िंदगी में आगे नहीं बढ़ पाएँगे। पित्रदोश के कारण आपके घर में निरंतर क्लेश रहेगा। पित्रदोश के कारण आपके घर में कभी भी धन सम्पत्ति नहीं रुकेगी।

कैसे पता लगे की ये पित्रदोश है?

अगर आपको पित्रदोश है तो उसके कुछ संकेत आपको मिलते है। यह संकेत नीचे दिए हुए है:

  • बार बार स्वप्न में आपको मारे हुए लोग दिखायी देते है।
  • या फिर बार बार स्वप्न में पूर्वज दिखायी दे।
  • अथवा भोजन करते समय, बार बार भोजन में बाल निकले।
  • अथवा बार बार कोई भी प्रयत्न करने से सफलता प्राप्त ना हो, तब समझ जाना चाहिए की आपके ऊपर पित्रदोश है।

पित्रदोश का निवारण

पित्रदोश की निवृत्ति के लिए, पित्रपक्ष में हर वर्ष पित्रो के निम्मित कुछ ना कुछ सत्कर्म करना चाहिए, जैसे भागवत कथा करो, दान करो, ब्राह्मण भोज करवाओ, ग़रीबों को भोजन करवाओ, गाए तो खाना खिलाओ,

ऐसा करने से, और पित्रो को याद करने से पित्रदोश से मुक्ति हो जाती है।

यदि आपको पित्रो का स्मरण नहि है, की आपके पूर्वज कब मारे थे या उसकी तिथि आपको नहीं मूलम है, तो आप अमावस्या के दिन ब्राह्मण भोज करवा सकते है। या आप अमावस्या के दिन भागवत या सुंदरकांड का पाठ करवा सकते है। यदि आपके पास धन नहीं है तो इसके जगह आप सत्यनारायण की कथा भी सुन सकते है। यदि आप बोहोत ज़्यादा गरीब है और यह सब कुछ नहीं कर सकते है तो, आप गौ माता को घास खिलाओ (पित्रो को याद करके)।

पित्रदोश का सबसे आसान निवारण 

यदि आप इनसे से कोई उपाय नहि कर सकते तो यह उपाय आपके लिए है। पित्रो की दिशा दक्षिण दिशा होती है। पित्रपक्ष के समय, दक्षिण दिशा में तीन दीपक जलाए, और अपने पूर्वजों को प्रणाम करके बोले, “हमसे जो भी भूल हुई हो, क्षमा करना, और उन्हें दिल से याद करे। ऐसा पंद्रह दिन करना है आपको। इससे बड़ा पित्रदोश का कोई उपाय नहि है।

यदि आपको ये पोस्ट अच्छा लगा हो, तो इसको अपने परिवार एवं मित्रों के साथ साँझा करें। इस तरह की और पोस्ट पढ़ने के लिए हमारे साथ जुड़े रहे ।

Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *