पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी (सीहोरे वाले) द्वारा श्री शिव महापुराण की कथा में बताये कुछ अचूक उपाय लिखित रूप में
क्रोध कम करने के लिए कुछ उपाए
अगर घर में कोई व्यक्ति बहुत गुस्सा करता है, अपशब्द बोलता है, बहुत ताने देता है और घर को अस्त व्यस्त कर के रखा है तो किसी भी महीने की शिवरात्रि पर जौ के आटे का एक दिया बना ले। अब उसमे सरसो का तेल दाल ले, थोडी सी काली तिल और एक सफेद फूल दाल के जिस व्यक्ति को क्रोध आता है उसका नाम और गोत्र बोल के बेल पत्र के पेड़ के नीचे दिया जला देने से उस व्यक्ति की ईर्ष्या और नफ़रत खत्म हो जाती है और प्रेम बढ़ने लगता है।
कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा चिढ़ चिढ़ करता है, क्रोध करता है, गुस्सा करता है, तो 31 बेल पत्र ले लेना है और 31 खड़े अक्षत के दाने ले लेना है। जिस व्यक्ति को बहुत गुस्सा आता है उसका नाम और गोत्र स्मरण कर के आखा चावल के साथ एक-एक बेल पत्र को शंकर भगवान का श्रमभेश्वर महादेव का नाम लेकर शिवलिंग पर समर्पित कर देना है। ये उपाए सिर्फ दशमी तिथि के दिन करना है (चाहे उजाला की हो या अँधेरे की हो)।
अगर घर में कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा चिढ़ चिढ़ करता है, बहुत क्रोध करता है, आदर ही नहीं करता तो शमी पत्र के 71 पत्ते और 71 ही चावल के आखा (टूटा ना हो) दाने ले लीजिये । अपने हथेली में उन शमी पत्र और अक्षत को लेकर जो सम्मान न करता हो उसका नाम और गोत्र बोल के शिवलिंग पर जहां अशोक सुंदरी का स्थान होता है वहा छुआ कर शंकर भगवान के शिवलिंग पे समर्पित कर दीजिये। भगवान शंकर उस व्यक्ति के हृदय में शीतलता का अनुभव करता है, उस घर का क्लेश और अशांति दूर होती है।